Srikanth Bolla का नाम आज भारत के सबसे प्रेरणादायक व्यवसायियों में लिया जाता है। जन्म से ही अंधे होने के बावजूद, उन्होंने न सिर्फ अपने लिए बल्कि सैकड़ों दिव्यांग लोगों के लिए नौकरी के मौके बनाए हैं। आज वे 500 करोड़ रुपये की कंपनी बोलैंट इंडस्ट्रीज के संस्थापक और मुख्य अधिकारी हैं। श्रीकांत की कहानी सिर्फ उनकी अपनी सफलता की नहीं है, बल्कि समाज में बदलाव और पर्यावरण के लिए सोच की भी है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में पढ़ाई करने वाले पहले अंधे अंतरराष्ट्रीय छात्र के रूप में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। उनका जीवन यह दिखाता है कि मजबूत इरादे और सही सोच से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है
Table of Contents
Srikanth Bolla Wiki/bio
Field | Details |
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Full Name | Srikanth Bolla |
Date of Birth | 7 July 1991 |
Birth Place | Sitaramapuram, Machilipatnam, Andhra Pradesh, India |
Nationality | Indian |
Parents | Father: Damodar Rao (Farmer), Mother Veera Venkateswaramma (Homemaker) |
Siblings | 1 younger brother (name private) |
Disability | Blind from birth |
Early Life | Grew up in a poor farmer family; faced societal pressure due to blindness; walked several kilometers to school; helped by family and classmates |
Education | – Devnar School for the Blind, Hyderabad- Active in chess and cricket at state & national level- 10th & 12th grade with top marks- Applied to IIT but not admitted due to blindness- MIT Sloan School of Management, USA (2009-2013), first international blind student |
Career | – Co-founded Samya Centre for Children with Multiple Disabilities (2011)- Founded Bollant Industries (2012) with Rs. 10 lakh capital- Company produces eco-friendly products and employs mainly differently-abled people- 5 manufacturing units in Telangana, Andhra Pradesh & Karnataka |
Achievements | – Forbes Asia 30 Under 30 (2017)- World Economic Forum Young Global Leader (2021)- National Entrepreneurship Award, India (2019)- Various regional awards (Telangana, Andhra Pradesh, CII, TV9, etc.) |
Personal Life | Married Veera Swathi on 23 April 2022; Daughter: Nayana (born 31 March 2024) |
Net Worth / Income | Estimated 50-100 crore INR; Bollant Industries valuation ~500 crore INR; company turnover >100 crore INR/year; direct employment to 500+ people |
Investors | Ratan Tata (2016), Ravi Mantha, S.P. Reddy, Kiran Gandhi, Satish Reddy, Srini Raju, Anil Chalamalasetty, Arun Alagappan |
Key Positions | Founder & CEO, Bollant Industries; Executive Director, MIT International Development Club (2011); Judge, Shark Tank India Season 4 (2024) |
Notable Media | Biopic “Srikanth” starring Rajkummar Rao (2024) |
Vision / Philosophy | Empower differently-abled people; social change; environmental sustainability; success through determination and positive thinking |
Srikanth Bolla Early life and family
Srikanth Bolla का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम जिले के सीतारामापुरम गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता बोला दामोदर राव एक किसान थे और माता बोला वीरा वेंकटेश्वरम्मा गृहिणी हैं। दोनों माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने बेटे की पढ़ाई को सबसे ज्यादा अहमियत दी।
श्रीकांत के जन्म के समय उनकी आंखों की रोशनी नहीं थी। आसपास के लोग और रिश्तेदार उनके माता-पिता से कहते थे कि यह बच्चा उनके लिए बोझ बनेगा और आगे कुछ नहीं करेगा। कुछ ने तो कहा कि बच्चे को अनाथालय में भेज दें। लेकिन उनके माता-पिता ने इन सब बातों की परवाह नहीं की और अपने बेटे को पूरा प्यार और मदद दी।
श्रीकांत का एक छोटा भाई भी है, जिसका नाम और पहचान निजी रखी गई है। बचपन में उन्हें स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। इस दौरान उनका भाई और कुछ साथी बच्चों ने उनकी मदद की। घर की आर्थिक हालत बहुत कमजोर थी और घर में बिजली भी नहीं थी। फिर भी उनके माता-पिता ने कभी उनकी पढ़ाई में कमी नहीं आने दी और हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
Srikanth Bolla Education

Srikanth Bolla की पढ़ाई का सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हर मुश्किल को अवसर में बदल दिया। शुरुआती पढ़ाई के दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्कूल के साथी उनका मजाक उड़ाते थे और दो साल तक कोई उनसे बात नहीं करता था। उन्हें हमेशा आखिरी बेंच पर बैठाया जाता और खेल-कूद में खेलने की इजाजत नहीं मिलती थी।
आठ साल की उम्र में श्रीकांत को हैदराबाद के देवनार स्कूल फॉर द ब्लाइंड में दाखिला मिला। वहाँ उन्होंने तैराकी, शतरंज और क्रिकेट सीखा। वे आंध्र प्रदेश राज्य ब्लाइंड क्रिकेट टीम के सदस्य बने और शतरंज में राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी भी बने। उन्होंने कई राज्य और राष्ट्रीय शतरंज और क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई पुरस्कार जीते।
दसवीं के बाद जब श्रीकांत ने विज्ञान विषय पढ़ना चाहा, तो स्कूल ने मना कर दिया। उनका मानना था कि अंधे छात्र गणित और विज्ञान नहीं पढ़ सकते क्योंकि ग्राफ और चित्र समझना उनके लिए मुश्किल होगा। इस अन्याय के खिलाफ श्रीकांत ने अपने एक शिक्षक की मदद से आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में केस किया। छह महीने की मेहनत के बाद उन्होंने केस जीत लिया और वे आंध्र प्रदेश के पहले अंधे छात्र बने जिन्होंने हाई स्कूल में विज्ञान पढ़ा।
बारहवीं कक्षा में श्रीकांत ने 98% अंक हासिल किए। उन्होंने अपनी सारी किताबें ऑडियो बुक में बदलवाई और दिन-रात मेहनत करके यह शानदार रिजल्ट पाया। इसके बाद उन्होंने IIT में इंजीनियरिंग के लिए आवेदन किया, लेकिन अंधे होने की वजह से उन्हें प्रवेश नहीं मिला।
भारत में असफलता के बाद श्रीकांत ने विदेश की यूनिवर्सिटी में आवेदन किया। उन्हें दुनिया की चार बड़ी यूनिवर्सिटीज से प्रवेश का ऑफर मिला, जिनमें MIT भी शामिल था। 2009 में वे MIT के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में बिजनेस पढ़ने वाले पहले अंधे अंतरराष्ट्रीय छात्र बने। उन्हें पढ़ाई के लिए पूरी मदद भी मिली।
MIT में रहते हुए श्रीकांत ने 2009 से 2013 तक सिन्हा लैब फॉर डेवलपमेंट रिसर्च में काम किया। 2011 में उन्होंने इन्फोसिस में गर्मियों की ट्रेनिंग की। अक्टूबर 2011 में वे MIT इंटरनेशनल डेवलपमेंट क्लब के प्रमुख बने। 2014 में उन्होंने MIT से अपनी पढ़ाई पूरी की।
Srikanth Bolla Career
साम्य केंद्र की शुरुआत 2011 में, जब श्रीकांत MIT में पढ़ाई कर रहे थे, उन्होंने साम्य केंद्र की शुरुआत की। यह एक संस्था थी, जो दिव्यांग बच्चों को पढ़ाई, काम सीखने, पैसों की मदद और ठीक होने की सेवाएं देती थी। इस केंद्र में उन्होंने ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस भी शुरू की, जिससे अंधे बच्चों के लिए किताबें और नोट्स छप सकें।
बोलैंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत MIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रीकांत के पास कई अच्छे नौकरी के ऑफर थे। लेकिन उन्होंने भारत लौटकर अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया। 2012 में उन्होंने रवि मंथा के साथ मिलकर सिर्फ 10 लाख रुपये से बोलैंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत की। बोलैंट इंडस्ट्रीज का मुख्य मकसद था पर्यावरण की रक्षा करना और दिव्यांग लोगों को नौकरी देना। कंपनी पत्तियों और पुराने कागज से डिस्पोजेबल प्रोडक्ट्स और पैकेजिंग बनाती है। खास बात यह है कि यहाँ काम करने वाले ज्यादातर लोग दिव्यांग हैं।
कंपनी की बढ़त और मदद करने वाले लोग : बोलैंट इंडस्ट्रीज ने पहले ही साल में हर महीने करीब 20% की बढ़त दिखाई। सफलता देखकर कई बड़े लोग और निवेशक कंपनी में पैसा लगाने लगे। सबसे बड़ा निवेश 2016 में रतन टाटा ने किया। कंपनी में अन्य मदद करने वाले लोग हैं: रवि मंथा, एस.पी. रेड्डी, किरण गांधी, सतीश रेड्डी, श्रीनी राजू, अनिल चलमलसेट्टी और अरुण अलगप्पन।
आज की स्थिति : आज बोलैंट इंडस्ट्रीज की 5 फैक्ट्री हैं, जो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हैं। कंपनी का सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है और इसकी कीमत करीब 500 करोड़ रुपये है। यह कंपनी 500 से ज्यादा लोगों को सीधे और 2500 लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर नौकरी देती है। श्रीकांत चाहते हैं कि 2025 तक बोलैंट इंडस्ट्रीज 1000 करोड़ रुपये का कारोबार करे। कंपनी अपने सामान का 10-15% हिस्सा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में भेजती है।
Srikanth Bolla Wife and Married life

श्रीकांत की प्रेम कहानी भी बहुत ही प्रेरणादायक है। उनकी मुलाकात वीरा स्वाति से 2015 में हुई। स्वाति ने सबसे पहले फेसबुक पर श्रीकांत को दोस्ती का अनुरोध भेजा। कई साल तक ऑनलाइन बात करने के बाद 2015 में वे पहली बार आमने-सामने मिले। वीरा स्वाति का जन्म मछलीपट्टनम में हुआ था। उनके पिता का नाम वेंकट रामी रेड्डी और माता का नाम लक्ष्मी नरसम्मा है। स्वाति एक गृहिणी हैं और उन्होंने श्रीकांत के काम में बहुत मदद की। वे सिर्फ उनकी निजी मदद नहीं करतीं, बल्कि काम में भी सलाह देती हैं। लगभग 10 साल के प्रेम के बाद 23 अप्रैल 2022 को हैदराबाद के हस्तिनापुरम में दोनों की शादी हुई। यह एक पारंपरिक शादी थी जिसमें दोनों परिवार और दोस्त शामिल हुए।
31 मार्च 2024 को इस जोड़े को एक बेटी हुई, जिसका नाम नयना रखा गया। “नयना” का मतलब है आंखें और दृष्टि। यह नाम श्रीकांत के इस विचार को दिखाता है कि सही दृष्टि दिल से आती है, आंखों से नहीं। श्रीकांत अपनी बेटी को प्यार से “आंखों का तारा” कहते हैं।
Srikanth Bolla Income and Assets
श्रीकांत बोला की कुल संपत्ति के बारे में अलग-अलग रिपोर्ट के अनुसार 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है। उनकी मुख्य आमदनी बोलैंट इंडस्ट्रीज से है। इस कंपनी की कीमत आज करीब 500 करोड़ रुपये है। कंपनी का सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है और हर साल 70 मिलियन रुपये से ज्यादा का सामान बिकता है। श्रीकांत की संपत्ति इस तरह है: बोलैंट इंडस्ट्रीज में 85% हिस्सा (लगभग 400 करोड़ रुपये), स्टार्टअप में पैसा लगाया हुआ (लगभग 50 करोड़ रुपये) और अन्य छोटे काम में (लगभग 20 करोड़ रुपये)। पिछले पांच सालों में उनकी संपत्ति लगातार बढ़ी है: 2020 में 200 करोड़, 2021 में 300 करोड़, 2022 में 350 करोड़, 2023 में 400 करोड़ और 2024 में 470 करोड़ रुपये।
Srikanth Bolla Awards and Honors
श्रीकांत बोला को उनके खास काम के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। 2017 में फोर्ब्स एशिया ने उन्हें “30 अंडर 30” में रखा। यह सम्मान एशिया के सबसे असरदार 30 साल से कम उम्र के लोगों को मिलता है।
2021 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने उन्हें “यंग ग्लोबल लीडर” चुना। यह पुरस्कार उन जवान लोगों को मिलता है जो समाज में अच्छे बदलाव करते हैं। 2019 में भारत सरकार ने उन्हें “नेशनल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड” दिया। यह उनके उस काम की सराहना है जिसमें उन्होंने दिव्यांग लोगों के लिए नौकरी और काम के मौके बनाए।
अन्य पुरस्कार:
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का प्रतिभा एक्सीलेंस अवार्ड
- राउंड टेबल इंडिया का प्राइड ऑफ तेलंगाना अवार्ड (2018)
- हिंदू बिजनेस लाइन का यंग चेंज-मेकर ऑफ द ईयर (2018)
- CII का इमर्जिंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर (2016)
- टीवी9 का नव नक्षत्र सन्मानम अवार्ड (2019)
2024 में श्रीकांत को शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में जज बनाया गया। यह उनके काम और समाज के लिए किए गए काम की पहचान है। उसी साल राजकुमार राव की मुख्य भूमिका वाली फिल्म “श्रीकांत” भी रिलीज हुई, जो उनके जीवन की कहानी दिखाती है।
10 interesting facts about Srikanth Bolla
श्रीकांत बोला का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम जिले में हुआ।
जन्म से ही श्रीकांत की आंखें नहीं देख सकती थीं।
बचपन में उन्हें स्कूल जाने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था।
उन्होंने हैदराबाद के देवनार स्कूल फॉर द ब्लाइंड में पढ़ाई की।
श्रीकांत आंध्र प्रदेश राज्य ब्लाइंड क्रिकेट टीम में खेले और शतरंज में राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे।
2009 में वे MIT में बिजनेस पढ़ने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय नेत्रहीन छात्र बने।
उन्होंने 2012 में बोलैंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत की, जो दिव्यांग लोगों को नौकरी देती है।
उनकी कंपनी का सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है और इसकी कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये है।
उन्हें कई पुरस्कार मिले, जैसे फोर्ब्स 30 अंडर 30, यंग ग्लोबल लीडर, और नेशनल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड।
श्रीकांत की पत्नी का नाम वीरा स्वाति है और उनकी एक बेटी नयना है।
10 FAQ Srikanth Bolla
When and where was Srikanth Bolla born?
उन्होंने 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम जिले में जन्म लिया।
What challenge did Srikanth face at birth?
वे जन्म से ही नेत्रहीन थे, यानी उनकी आंखें नहीं देख सकती थीं।
Where did Srikanth study in his childhood?
उन्होंने बचपन में हैदराबाद के देवनार स्कूल फॉर द ब्लाइंड में पढ़ाई की।
Which sports did Srikanth play as a child?
उन्होंने क्रिकेट खेला और शतरंज में राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे।
Which foreign university did Srikanth attend?
2009 में उन्होंने MIT में बिजनेस पढ़ाई और पहले अंतरराष्ट्रीय नेत्रहीन छात्र बने।
What is Bollant Industries and when was it started?
उन्होंने 2012 में बोलैंट इंडस्ट्रीज शुरू की, जो दिव्यांग लोगों को नौकरी देती है और पर्यावरण के लिए अच्छे सामान बनाती है।
What is Srikanth’s family like?
उन्होंने शादी की और उनकी एक बेटी हुई, जिसे नयना नाम दिया गया।
What awards has Srikanth received?
उन्हें फोर्ब्स 30 अंडर 30, यंग ग्लोबल लीडर और नेशनल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड जैसे पुरस्कार मिले हैं।
What challenges did Srikanth overcome in life?
उन्होंने नेत्रहीन होने, आर्थिक मुश्किलों और पढ़ाई में रुकावटों को पार किया।
Which TV show did Srikanth appear in?
उन्हें 2024 में शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में जज बनाया गया।
स्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारियों की पूरी तरह से सटीकता की गारंटी नहीं है। किसी भी तथ्यात्मक गलती के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।
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