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Dilkhush kumar Roadbez Success Story Networth :  Texi driver से RodBez के CEO तक सफलता की कहानी

Dilkhush Kumar का नाम आज Bihar के startup दुनिया में बड़े आदर से लिया जाता है। Saharsa जिले के छोटे से गांव Bangaon से निकलकर करोड़ों की कंपनी RodBez के CEO बनने तक की उनकी कहानी किसी फिल्म जैसी है। एक बस ड्राइवर के बेटे, जो Delhi में rickshaw चलाता और Patna की सड़कों पर सब्जी बेचता था, आज वह Bihar के सबसे बड़े mobility platform का मालिक है। Dilkhush की कहानी सिर्फ मेहनत और जुझारूपन की नहीं, बल्कि हिम्मत और मेहनत का उदाहरण भी है। 18 साल की उम्र में शादी कर परिवार की जिम्मेदारी लेने वाले Dilkhush ने कई कामों में असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी। आज वही Dilkhush उन IIT और IIM के पढ़े-लिखे लोगों को नौकरी देता है, जिन्हें कभी उसने सिर्फ देखा था। RodBez की वैल्यू अभी 4 करोड़ रुपये है और इसका सपना है कि Bihar के हर गांव तक taxi service पहुंचाई जाए।

Dilkhush Kumar Early life and family

Dilkhush Kumar का जन्म Bihar के Saharsa जिले के छोटे से गांव Bangaon में हुआ था। उनके पिता Pawan Khan Saharsa में 30 साल से ज्यादा बस चलाते थे। पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर किसी Office में काम करे, उन्होंने कभी नहीं चाहा था कि Dilkhush “गाड़ी की नौकरी” करे। लेकिन Dilkhush के लिए गाड़ी आज़ादी का प्रतीक थी और सड़कें उसके गांव से बाहर नई दुनिया की राह दिखाती थीं।

उनकी मां Soni Devi बताती हैं कि बचपन में Dilkhush के लिए साइकिल खरीदने के पैसे उन्हें पड़ोसियों से उधार लेने पड़े थे। उस समय Dilkhush सिर्फ 8 साल का था। परिवार की हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए Dilkhush को बचपन से ही घर की जिम्मेदारी समझनी पड़ती थी। पिता जो बस चलाते थे, उससे Saharsa से Supaul तक 407 मॉडल की Mini Bus में रोज काम करते थे और उन्हें दिहाड़ी के पैसे मिलते थे।

Dilkhush Kumar Education

Dilkhush Kumar ने अपनी स्कूल की पढ़ाई अपने गांव से ही पूरी की थी। 2008 में उन्होंने M.L.T. College, Saharsa से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। MLT College (Manohar Lal Tekriwal College) 1952 में शुरू हुआ था और यह Bhupendra Narayan Mandal University, Madhepura से जुड़ा हुआ है।

परिवार की कमजोर आर्थिक हालत के कारण Dilkhush 12वीं के बाद आगे पढ़ाई नहीं कर पाए। 16 साल की उम्र में 2008 में दसवीं पास करने के बाद ही उनकी शादी हो गई। शादी के बाद परिवार की जिम्मेदारी बढ़ गई और उन्हें काम की तलाश करनी पड़ी।

Dilkhush Kumar career


पढ़ाई पूरी करने के बाद Dilkhush Kumar ने नौकरी ढूंढना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने चौकीदार की नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया, लेकिन उन्हें बिना पढ़े और अनुभव नहीं होने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया। एक और इंटरव्यू में उनसे mobile का logo पहचानने को कहा गया, लेकिन चूंकि उन्होंने पहली बार smartphone देखा था, वे इसे नहीं पहचान पाए और फिर फेल हो गए।

असफलताओं से दुखी होकर Dilkhush अपने गांव लौट आए और गुस्से में अपनी सारी डिग्रियां और certificate जला दिए। उन्होंने अपने पिता से गाड़ी चलाना सीखने को कहा ताकि परिवार के लिए कमाई कर सकें। पहले उनके पिता ने मना किया, लेकिन बाद में मान गए।

ड्राइवर से व्यवसायी तक का सफर
अपने गांव में Dilkhush को taxi driver की नौकरी मिली, जिसमें उन्हें 3,500 रुपये मासिक मिलते थे। यह परिवार चलाने के लिए काफी नहीं था। बेहतर अवसर की तलाश में वे Patna गए और वहां एक घर में driver बनकर काम करने लगे। युवा और उत्साही Dilkhush ने अपना खुद का काम शुरू किया और लोगों के घर सब्जी पहुंचाने का काम किया।

यह काम सिर्फ एक साल चला और 2015 तक वे फिर से driver बन गए। जब उन्होंने वह नौकरी छोड़ी, तो गाड़ी के मालिक ने कहा, “देखते हैं तुम कितनी जल्दी करोड़पति बनोगे।” उस समय 20 साल के Dilkhush ने करोड़पति बनने के बारे में सोचा भी नहीं था, लेकिन यह बात उनके दिमाग में बैठ गई।

AryaGo की शुरुआत
2016 में Dilkhush ने Ola और Uber की तरह अपना ride-share काम शुरू करने का फैसला किया। एक bus driver के बेटे के रूप में, उन्होंने देखा कि इस काम का उनके पिता पर क्या असर था और Bihar में drivers को अच्छे पैसे नहीं मिलते थे। वे चाहते थे कि कुछ बेहतर दें।

इस तरह उनका पहला startup AryaGo बना। उन्होंने 50,000 रुपये उधार लेकर एक second-hand Nano car खरीदी और अपने गांव Bangaon में गायों के शेड में office बनाया। बाद में fleet में एक Santro भी जोड़ी।

“2016 में जब शुरू किया, तो लोग startup का नाम भी नहीं जानते थे, खासकर Saharsa में,” Dilkhush कहते हैं। जब उन्होंने गांव वालों को अपनी taxi service दिखाई, तो लोग हंसे और मजाक उड़ाया।

RodBez की शुरुआत
AryaGo की सफलता के बाद 2022 में Dilkhush ने अपने cousin और mentor के साथ RodBez की शुरुआत की। RodBez नाम सोच-समझकर चुना गया था – यह बिहारी उच्चारण में “roadways” का रूप है और लोगों के लिए उनकी प्रतिबद्धता दिखाता है।

मई 2022 में RodBez Bihar का सबसे बड़ा one-way taxi, carpool और taxipool platform बन गया। कंपनी का मकसद था Bihar में taxi service की समस्या हल करना। RodBez one-way taxi सेवा देता है, जिससे यात्रियों का खर्च 40% तक कम हो जाता है।

नवंबर 2022 में कंपनी ने 4 करोड़ की value पर 46 लाख रुपये की funding जुटाई। कंपनी प्रत्येक ride पर 20% commission लेती है। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 100 taxis की मांग होती है, लेकिन सिर्फ 35-36 taxis की service दी जा पाती है।

Shark Tank India में सफलता
RodBez के लिए बड़ा मोड़ Shark Tank India Season 3 में आया, जहां Dilkhush Kumar और Siddharth Shankar Jha ने business model पेश किया। उन्होंने 5% equity के लिए 50 लाख रुपये मांगे।

Sharks के सामने Dilkhush ने अपनी प्रेरणादायक कहानी सुनाई। Peyush Bansal ने उन्हें “जीनियस” कहा, Vinita Singh ने scaling के बारे में पूछा। Anupam Mittal ने scalability पर सवाल उठाए। अंत में Ritesh Agarwal और Vinita Singh ने 4 करोड़ की value पर 20 लाख रुपये के लिए 5% equity और 12% interest rate पर दो साल के लिए 30 लाख रुपये का loan देने का प्रस्ताव रखा, जिसे Dilkhush ने स्वीकार किया।

Sharks हैरान थे कि RodBez का app Dilkhush ने खुद YouTube देखकर बनाया था। यह दिखाता है कि मेहनत और हिम्मत से कोई भी मुश्किल पार की जा सकती है।

Dilkhush Kumar Income Networth

2024 के अनुसार, RodBez कंपनी की कुल वैल्यू लगभग 2 million USD (करीब 16.64 करोड़ रुपये) आंकी गई है। यह आंकड़ा 2022 में कंपनी के शुरू होने के बाद से तेजी से बढ़ती सफलता का सबूत है।

कंपनी का 2024 के फरवरी तक कुल revenue 96K USD (लगभग 80 लाख रुपये) था। कंपनी की दो मुख्य कमाई के रास्ते हैं – taxi drivers से मिलने वाला commission और ग्राहकों को दी जाने वाली अलग-अलग services से होने वाली आय।

Dilkhush Kumar की व्यक्तिगत net worth 2024 में लगभग 4 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो कंपनी की value के बराबर है। 2024-25 के अंत तक उनकी net worth 2 million USD तक पहुँचने की उम्मीद है।

RodBez के drivers को अच्छी तनख्वाह दी जाती है – वे महीने में 55,000 से 60,000 रुपये तक कमाते हैं। यह उनके लिए बड़ी कमाई है और उनके जीवन में बदलाव लाती है।

Shark Tank India के बाद कंपनी में investors की दिलचस्पी बढ़ी और angel investors के जरिए 46 लाख रुपये जुटाए गए। इस पैसे से startup अपने काम और operations का विस्तार कर सका।

Dilkhush की कहानी बताती है कि कैसे एक Texi driver से बड़ी कंपनी का मालिक बनना संभव है। आज वे उन IIT और IIM के graduates को नौकरी देते हैं, जो कभी उनके पहुंच से बाहर थे। उनका सफर दिखाता है कि मेहनत और हिम्मत से कोई भी goal पूरा किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल पूरी तरह से जानकारी और प्रेरणा के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई तथ्य और विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों पर आधारित हैं।

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Author

  • bablu

    मैं बबलू , 24 वर्षीय, भारतीय जनसंचार संस्थान से जनसंचार और पत्रकारिता में स्नातक हूँ। मुझे सफल और कामयाब लोगों के बारे मैं लिखना पसन्द है। kamyabstory.in पर, जो अपनी जिंदगी मैं सफल या कामयाब हो चुके है उनके बारे मैं लिखता हूँ। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ पाठकों के लिए नवीनतम जानकारी लाता हूँ।

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