Sheetal Devi भारत के इतिहास की एक प्रेरणादायक शख्सियत हैं जिन्होंने अपनी मजबूत इच्छा शक्ति और मेहनत से यह साबित किया कि शारीरिक कमी किसी के सपनों को रोक नहीं सकती। 10 January 2007 को Jammu and Kashmir के Kishtwar जिले के Loi Dhar गांव में जन्मी Sheetal बिना हाथों के पैदा हुईं, लेकिन अपनी लगन और हिम्मत से दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच पर India का नाम ऊंचा किया। Sheetal Devi भारत की पहली महिला Archer हैं जिन्होंने हाथों के बिना, अपने पैरों और ठोड़ी की मदद से Archery की। उन्होंने 2024 के Paris Paralympics में Bronze Medal जीतकर India की सबसे कम उम्र की Paralympic Medal Winner बनकर इतिहास रचा। साल 2023 में उन्हें Arjuna Award भी मिला, जिससे वह इस सम्मान की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं। Sheetal की कहानी यह दिखाती है कि असली ताकत शरीर में नहीं, बल्कि मन और हौसले में होती है।
Sheetal Devi wiki/bio
| Category | Information |
|---|---|
| Full Name | Sheetal Devi |
| Profession | Para Archer (Indian) |
| Known For | Being the world’s first female archer without hands who shoots using her feet and chin |
| Date of Birth | 10 January 2007 |
| Age (as of 2025) | 18 Years |
| Birth Place | Loi Dhar Village, Kishtwar District, Jammu & Kashmir, India |
| Nationality | Indian |
| Religion | Hindu |
| Education | Primary education from village school, later supported by Indian Army |
| Coach / Mentor | Kuldeep Vedwan and Abhilasha Chaudhary |
| Training Academy | Vaishno Devi Shrine Board Archery Academy, Katra (Himachal Pradesh) |
| Inspiration | American archer Matt Stutzman |
| Major Achievements | – Gold in World Para Archery Championship 2025 (Gwangju, South Korea) – Bronze in Paris Paralympics 2024 – Silver in World Championship 2023 (Eindhoven, Netherlands) – Double Gold in Asian Para Games 2023 (Hangzhou, China) |
| Awards | Arjuna Award 2023 (by President Droupadi Murmu) |
| Marital Status | Unmarried |
| Family | Parents (Supportive), Sister – Shivani Devi |
| Current Focus | Preparing for upcoming international archery events |
| Famous Quote | “Main apne sapne poore karne mein vishwas rakhti hoon.” |
| Residence | Jammu & Kashmir, India |

Sheetal Devi Early Life & Family
Sheetal Devi का जन्म 10 January 2007 को Jammu and Kashmir के Kishtwar जिले के Loi Dhar गांव में हुआ। उनके पिता का नाम Man Singh और माता का नाम Shakti Devi है। उनकी एक बहन भी है, Shivani Devi। उनका परिवार गरीब था, लेकिन प्यार और अपनापन से भरा हुआ था। माता-पिता ने कभी Sheetal को यह महसूस नहीं होने दिया कि वह बाकी बच्चों से अलग हैं।
Sheetal जन्म से ही Phocomelia नाम की एक बीमारी से पीड़ित थीं, जिसमें हाथ और पैर पूरे नहीं बनते। उनके दोनों हाथ नहीं थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बचपन में ही उन्होंने अपने पैरों से सब कुछ करना सीख लिया। वह गांव के जंगलों में पेड़ों पर चढ़ती थीं, जिससे उनके पैर बहुत मजबूत हो गए। यही ताकत बाद में उनकी Archery में काम आई।
बचपन में Sheetal को डर था कि क्या वह स्कूल जा पाएंगी या नहीं। लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें हिम्मत दी। 5 साल की उम्र में वह पहली बार अपने भाई के साथ स्कूल गईं। जहां बाकी बच्चे हाथों से लिखते थे, वहीं Sheetal ने अपने पैरों से लिखना सीख लिया। उनके Teachers हमेशा उनका साथ देते थे और उन्हें कभी कमजोर महसूस नहीं होने देते थे। Sheetal ने अपनी पढ़ाई तीन स्कूलों में की – पहले Primary School, फिर Government Middle School और बाद में Government High School से। उनके परिवार और शिक्षकों का प्यार ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।
Sheetal Devi Education
Sheetal Devi की पढ़ाई उनके जीवन की सबसे बड़ी ताकत रही है। बचपन में उन्हें लगता था कि हाथ न होने के कारण वह पढ़ नहीं पाएंगी, लेकिन माता-पिता और Teachers के सहारे उन्होंने यह डर छोड़ दिया। सभी ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत दी। Sheetal ने अपने गांव के School से ही अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की और हमेशा मेहनती छात्रा रहीं।
साल 2019 में Sheetal की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। उस समय वह पढ़ाई कर रही थीं, तभी Kishtwar में हुए एक Youth Sports Event में भारतीय सेना की National Rifle Unit की नज़र उन पर पड़ी। सेना के Officers को Sheetal का आत्मविश्वास और हिम्मत देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने Sheetal को अपनाया और हर तरह की मदद करने का फैसला किया।
भारतीय सेना ने Sheetal की Education और Medical Support दोनों में मदद की। सेना की ओर से उन्हें Bengaluru भेजा गया ताकि उनके लिए Prosthetic Arm (कृत्रिम हाथ) बनाया जा सके। लेकिन यह उनके शरीर के हिसाब से सही नहीं बैठा, इसलिए Sheetal ने इसे इस्तेमाल नहीं किया। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने Legs से काम करते हुए खुद को और मजबूत बना लिया।
Sheetal Devi Career and achievements
Sheetal Devi का करियर 2019 में शुरू हुआ, जब एक Youth Event के दौरान उनकी मुलाकात कोच Kuldeep Vedwan और Abhilasha Chaudhary से हुई। ये दोनों कोच Vaishno Devi Shrine Board Archery Academy (Katra, Himachal Pradesh) में काम करते थे। शीतल का आत्मविश्वास देखकर दोनों कोच इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें Archery सिखाने का फैसला किया।
शुरुआत में कोचों को लगा कि शीतल को Archery सिखाना मुश्किल होगा। लेकिन जब उन्हें अमेरिकी तीरंदाज Matt Stutzman के बारे में पता चला, जो बिना हाथों के पैरों से तीर चलाते हैं, तो उन्होंने वही तरीका शीतल के लिए अपनाया। साल 2022 में शीतल का औपचारिक प्रशिक्षण शुरू हुआ। Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board की मदद से उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी गई।
पहले दिनों में शीतल रोज़ 50 से 100 तीर चलाती थीं, लेकिन कोचों की मेहनत और अपनी लगन से कुछ महीनों में वह 300 तीर रोज़ चलाने लगीं। उनके लिए खास Bow बनाया गया जिसे वह पैरों और ठोड़ी से चलाती थीं। सिर्फ छह महीने में शीतल ने ऊंचे स्तर की Archery में अपना नाम बना लिया।
नवंबर 2022 में शीतल ने अपनी पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता Junior National Archery Championship में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने सामान्य खिलाड़ियों के साथ मुकाबला किया और सबको प्रभावित किया।
साल 2023 शीतल के लिए खास रहा। Asian Para Games 2023 जो Hangzhou (China) में हुआ, उसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया —
- Women Individual Compound Open – Gold Medal
- Mixed Doubles Compound Open – Gold Medal
- Women Doubles Compound Open – Silver Medal
इसके बाद World Para Archery Championship 2023 (Eindhoven, Netherlands) में शीतल ने Women Individual Compound Open में Silver Medal जीता और वह पहली बिना हाथों की महिला बनीं जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीता।
9 January 2024 को राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने उन्हें Arjuna Award 2023 दिया। सिर्फ 17 साल की उम्र में वह इस सम्मान की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।
Paris Paralympics 2024 में शीतल ने इतिहास रच दिया। 2 September को क्वालीफाइंग राउंड में उन्होंने 703 अंक बनाकर रिकॉर्ड तोड़ दिया। हालांकि तुर्की की Oznur Cure ने 704 अंक बनाए, पर 4 September को Mixed Doubles Compound Open में शीतल ने Rakesh Kumar के साथ मिलकर Bronze Medal जीता। यह भारत का पहला Para Archery Medal था और शीतल भारत की सबसे कम उम्र की Paralympic Medal Winner बनीं।
साल 2025 में शीतल ने एक और बड़ी जीत हासिल की। 28 September 2025 को Gwangju (South Korea) में हुई World Para Archery Championship 2025 में उन्होंने Oznur Cure को 146–143 से हराकर Gold Medal जीता। वह बिना हाथों वाली पहली महिला World Champion बनीं। इसी प्रतियोगिता में उन्होंने Women’s Team Event में Silver Medal और Mixed Team Event में Bronze Medal जीतकर एक ही दिन में तीन पदक अपने नाम किए — जो भारत के लिए ऐतिहासिक पल था।

Sheetal Devi Personal Life
Sheetal Devi अभी शादीशुदा नहीं हैं। 18 साल की उम्र में वह अपने खेल पर ध्यान दे रही हैं। उनका सारा समय और मेहनत Archery और आने वाली विदेशी प्रतियोगिताओं की तैयारी में जाती है। शीतल ने कई बार कहा है कि अभी उनका लक्ष्य देश के लिए और ज्यादा मेडल जीतना है। शादी को लेकर उन्होंने अभी कोई सोच नहीं बनाई है।
उनके माता-पिता और घरवाले हर समय उनका साथ देते हैं और उन पर गर्व करते हैं। शीतल की बहन Shivani Devi भी हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए हिम्मत देती हैं। घरवालों का प्यार और साथ ही शीतल की सबसे बड़ी ताकत है, जिससे वह हर मुश्किल को आसानी से पार कर लेती हैं।
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारियों की पूरी तरह से सटीकता की गारंटी नहीं है। किसी भी तथ्यात्मक गलती के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। Net Worth से जुड़ी जानकारियाँ समय के साथ बदल सकती हैं।
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